Poshan Abhiyaan
Poshan Abhiyaan : भारत में पोषण संबंधी समस्याएं लंबे समय से एक गंभीर चिंता का विषय रही हैं। यहाँ के लाखों लोग कुपोषण और सही पोषण के अभाव से जूझ रहे हैं। खासकर महिलाएं और बच्चे इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने पोषण अभियान (Poshan Abhiyaan) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देश में कुपोषण को समाप्त करना और लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है।
पोषण अभियान का उद्देश्य और महत्व
Poshan Abhiyaan जिसे राष्ट्रीय पोषण मिशन के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा 8 मार्च 2018 को शुरू किया गया था। Poshan Abhiyaan अभियान का मुख्य उद्देश्य कुपोषण, विशेष रूप से बच्चों और गर्भवती महिलाओं में पोषण की कमी को दूर करना है। यह अभियान पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारने, और देश के समग्र पोषण स्तर को सुधारने के लिए कई कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से कार्य कर रहा है।
पोषण अभियान के प्रमुख लक्ष्य
- कुपोषण को कम करना: अभियान का सबसे प्रमुख लक्ष्य कुपोषण, एनीमिया और ओवरवेट/ऑबेसिटी की समस्याओं को कम करना है।
- स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता फैलाना: लोगों को सही आहार और जीवनशैली के बारे में जानकारी देना।
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना: गरीब और दूरदराज के इलाकों में पोषण के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- महिलाओं और बच्चों की सेहत में सुधार: खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए पोषण संबंधित उपायों को लागू करना।
पोषण अभियान के प्रमुख पहल और योजनाएं
- इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज (ICDS): बच्चों के पोषण की स्थिति सुधारने के लिए यह योजना महत्वपूर्ण है। इसमें आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध कराया जाता है।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY): गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार, किट और वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली योजना।
- पोषण मेला और कार्यक्रम: विभिन्न जिलों और राज्यों में पोषण मेला आयोजित किए जाते हैं, जिसमें लोगों को सही आहार और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाती है।
- पोषण ऐप: Poshan Abhiyaan के तहत एक पोषण ऐप भी लॉन्च किया गया है, जिसके माध्यम से लोग अपने आहार की जानकारी और पोषण स्तर को ट्रैक कर सकते हैं।
पोषण अभियान के लाभ
- कुपोषण की दर में कमी: Poshan Abhiyaan के कारण बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की दर में कमी आई है।
- स्वास्थ्य में सुधार: लोगों में पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ने के कारण उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
- महिलाओं की स्थिति में सुधार: महिलाओं को पोषण से जुड़ी जानकारी और सहायता मिलने से उनकी स्थिति में सुधार हुआ है।
- समाज में जागरूकता: विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में पोषण की महत्वता को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
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पोषण अभियान की सफलता की दिशा में कदम
- स्थानीय समुदायों का सहयोग: स्थानीय स्तर पर समुदायों को अभियान से जोड़ने से उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होती है।
- पोषक खाद्य सामग्री की उपलब्धता: सरकारी और निजी संस्थाओं के साथ मिलकर पोषक खाद्य सामग्री की आपूर्ति में सुधार किया गया है।
- शैक्षिक कार्यक्रम: स्कूलों और कॉलेजों में पोषण पर आधारित शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे युवाओं में भी जागरूकता बढ़ रही है।
निष्कर्ष
Poshan Abhiyaan भारत में स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के माध्यम से न केवल बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार हो रहा है, बल्कि पूरे समाज में पोषण के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। यदि Poshan Abhiyaan अभियान को और प्रभावी रूप से लागू किया जाए, तो भारत में कुपोषण की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है और एक स्वस्थ राष्ट्र की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है।
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